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एक मोहक चुम्बन
यह एक काल्पनिक रचना है। नाम, चरित्र, संस्थान, स्थान, घटनाएँ व प्रसंग या तो लेखक की कल्पना द्वारा रचित हैं अथवा काल्पनिक रूप से प्रयोग किए गए हैं।
कॉपीराइट © अमैन्डा मैरियल
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बुक रिज प्रेस द्वारा प्रकाशित
Contents
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समर्पण
यह पुस्तक उन सभी के लिए है जिन्हें भिन्न होने के लिए अन्याय सहना पड़ा है या अत्याचार का सामना करना पड़ा है। संसार को और अधिक दयालुता की आवश्यकता है-आइए, इसका आरंभ हम स्वयं से करें और पूरे विश्व में इसे प्रसारित करें।
प्रस्तावना
फ़्रांस, 1605
आटा गूँधते हुए मुआह माँ और लिली की तरफ देखकर मुस्कुराई। वे दोनों उसके सामने वाले काउन्टर पर खड़ी हुई अपने-अपने गिलगिले आटे को गूँध रही थीं। लिली के गालों पर सूखे आटे की एक लकीर थी, जबकि माँ के एप्रन पर उनके हाथों के निशान थे। मुआह ने कल्पना की कि वह भी अजीब दिख रही होगी क्योंकि जब पकाने का काम खत्म हो जाता था, वह हमेशा अजीब दिखती थी। “आज कितनी ब्रेड बनानी है?”