Читать книгу एक मोहक चुम्बन. चिरस्थायी विरासत онлайн
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मुआह का दिल उसकी पसलियों से टकरा रहा था। उसकी माँ को जलाया गया था – डायन होने का इल्ज़ाम लगाया गया था…हत्या की गई थी।
वह चीखना चाहती थी, दौड़ना चाहती थी, जो भी उसे बताया गया उस सब को भुला देना चाहती थी। उसे पता था कि उसकी माँ दूसरों के साथ मर गई थीं, लेकिन उसे हमेशा यह बताया गया था कि वह एक दुर्घटना थी। और कुछ नहीं। उसकी गोद में उसने अपने हाथ एक दूसरे में जकड़ लिए और दा पर निगाह जमा दी। “और अब यही नियति हमारी होने वाली है?”
“नहीं।” समुएल खड़ा हो गया। “अभी तक कोई नहीं आया है। उनके आने से पहले हमें निकल जाना चाहिए।“
माँ ने भी खड़े होते हुए अपना सिर हिलाया। “चलो, जल्दी करो। जो बिल्कुल ज़रूरी हो वही लेना, और जितना समान उठा सको, उससे ज़्यादा कुछ मत लेना।“
लिली रसोई के पार आधी दूर जाकर ठिठकी और अपने माता-पिता की ओर मुड़ी। “हम जाएँगे कहाँ? दूसरों की तरह स्पेन?”
“नहीं।“ दा ने अपना सिर हिलाया, “हम समंदर किनारे तक पैदल जाएँगे, फिर इंग्लैंड के लिए समुद्री जहाज़ में बैठ जाएँगे।“
“अब जल्दी करो।“ माँ ने हाथ हिला कर रसोई के दरवाज़े की ओर इशारा किया।
मुआह लिली के पीछे-पीछे भागी और उनके बेडरूम में दाखिल हुई। ज़रूरत का सामान छोटे बैगों में भरते समय किसी ने भी बातचीत में समय नष्ट नहीं किया। मुआह का काम खत्म होने के बाद वह लिली को देखती हुई दरवाज़े के पास खड़ी हो गई। अपना बैग पैक करते हुए उसकी प्यारी बहन सिर से पाँव तक काँप रही थी। क्या उनकी बाकी ज़िंदगी ऐसी ही गुज़रने वाली थी? हमेशा अपनी शक्तियाँ छुपाते रहना? उस दिन का इंतज़ार करते रहना जब फिर से सब कुछ पीछे छोड़ना पड़ेगा? उनके आने वाले बच्चों का क्या होगा?