Читать книгу एक मोहक चुम्बन. चिरस्थायी विरासत онлайн
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दो आदमियों ने विधवा पियाह को पकड़ा हुआ था और चीखती और पैर फटकारती पियाह को उसके घर से घसीट कर ले जा रहे थे। मुआह ने थूक गटका, नज़रें फेरने की इच्छा होते हुए भी वह देखने से खुद को रोक नहीं पा रही थी। वह गली में दौड़ कर जाना चाहती थी। बेचारी वृद्ध विधवा की मदद करना चाहती थी। उन आदमियों को सख्ती से कहना चाहती थी कि उसे छोड़ दें। लेकिन वह ताकने के अलावा कुछ नहीं कर पाई।
समुएल ने कहा, “और क्रोध…..उनके प्रभामंडल सुर्ख लाल हैं।“
लिली अपने चहरे को हाथों में छिपाते हुए दूर चली गई। “वह बेहद भयभीत है.....बेहद परेशान है। वे उसे क्यों ले जा रहे हैं?”
“वह निर्दोष है.....” लैखलन ने अपना सिर हिलाया।
दा ने अपनी बाँह लिली के कंधे पर लपेटी। “यहाँ आओ, बच्ची।“ वे उसे एक कुर्सी की तरफ ले गए और बाकी लोगों की तरफ मुड़ने से पहले उसे बैठने में मदद की। “लैखलन, बेहतर होगा कि अब तुम सबको बताओ कि तुमने क्या देखा।“
समुएल ने दा की बाँह एक हल्के झटके से हिलाई। “हम जितना सामान बटोर सकें, उसे पैक कर के यहाँ से निकलना चाहिए। वह लड़कियों को सफर के दौरान बता सकता है।“
माँ ने समुएल को अपनी बाहों में भर कर करीब खींच लिया। “शांत हो जाओ।“